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धर्मांतरित महिला के शव को दफनाने को लेकर विवाद

दोनों समुदायों के बीच हिंसा

बस्तर। लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के दाबपाल गांव में धर्मांतरित महिला के शव को दफनाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले, महिला की मौत के बाद परिजनों ने शव को बेलर गांव के कब्रिस्तान में दफनाया था, जिससे दोनों समुदायों के बीच हिंसा हुई। इस संघर्ष में पुलिस ने मारपीट करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। अब इस मामले में सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए दबाव बनाया है। समाज का कहना है कि धर्मांतरित महिला के शव को क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफनाया जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी उल्लेख किया गया है। सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष राजा राम तोड़ेंम ने कहा कि यदि शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाया जाता है तो यह आदिवासी परंपराओं और संस्कृति के खिलाफ होगा। उनका आरोप है कि इससे आदिवासियों की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं खंडित हो रही हैं। इस विवाद ने बस्तर के आदिवासी समाज में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है, और वे अब प्रशासन से शीघ्र समाधान की उम्मीद कर र बढ़ता जा रहा है। कुछ दिन पहले, महिला की मौत के बाद परिजनों ने शव को बेलर गांव के कब्रिस्तान में दफनाया था, जिससे दोनों समुदायों के बीच हिंसा हुई। इस संघर्ष में पुलिस ने मारपीट करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। अब इस मामले में सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए दबाव बनाया है। समाज का कहना है कि धर्मांतरित महिला के शव को क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफनाया जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी उल्लेख किया गया है। सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष राजा राम तोड़ेंम ने कहा कि यदि शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाया जाता है तो यह आदिवासी परंपराओं और संस्कृति के खिलाफ होगा। उनका आरोप है कि इससे आदिवासियों की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं खंडित हो रही हैं। इस विवाद ने बस्तर के आदिवासी समाज में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है, और वे अब प्रशासन से शीघ्र समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

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