प्रताप न्यूज़ लाइव विशेष रिपोर्ट
6 फरवरी 2025
भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंडराते बादल: रुपया गिरा, ब्याज दरों में कटौती की मांग तेज
नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा 2025 नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में होगी। इस बैठक में ब्याज दरों में संभावित कटौती पर चर्चा होगी, क्योंकि उद्योग और सरकार आर्थिक मंदी के चलते राहत की मांग कर रहे हैं।
रुपये में गिरावट और अमेरिकी डॉलर की मजबूती
दिसंबर 2024 में 1 अमेरिकी डॉलर 85 रुपये के बराबर था, जो अब बढ़कर 87 रुपये हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई आर्थिक नीतियां, जिसमें बड़े व्यापार भागीदारों पर ऊंचे टैरिफ शामिल हैं, इसके पीछे एक प्रमुख कारण हैं।
मुद्रास्फीति और विकास दर पर असर
पिछले पांच महीनों से मुद्रास्फीति 5% से अधिक बनी हुई है, हालांकि अब यह RBI के 4% के लक्ष्य के करीब आ सकती है। लेकिन ब्याज दरों में कटौती से रुपये की स्थिति और कमजोर हो सकती है, जिससे महंगाई और बढ़ने की आशंका है। GDP वृद्धि दर को घटाकर 6.4% आंका गया है, जिससे आर्थिक सुस्ती की पुष्टि होती है।
स्वास्थ्य बजट में बड़ा निवेश, मेडिकल शिक्षा का विस्तार
केंद्र सरकार ने 2025-26 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ₹90,958 करोड़ का प्रावधान किया है। अगले पांच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी, जिसमें से 10,000 सीटें वित्तीय वर्ष 2025-26 में जोड़ी जाएंगी।
सरकार के “Heal in India” और “Heal by India” कार्यक्रमों से भारत को वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की योजना है। विदेशी मरीजों को आकर्षित करने के लिए वीज़ा प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है और निजी क्षेत्र के सहयोग से अस्पतालों की सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: राजस्थान के ‘सदियों पुराने वन’ संरक्षित क्षेत्र घोषित
18 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान वन विभाग को निर्देश दिया कि वे राज्य के 25,000 पवित्र वन क्षेत्रों की मैपिंग करें और उन्हें वन भूमि के रूप में अधिसूचित करें। ये वन क्षेत्र ‘ओरण’, ‘मालवान’ और ‘देव घाट’ के नाम से जाने जाते हैं।
हालांकि, यह फैसला 2006 के वन अधिकार अधिनियम (FRA) के साथ टकराव में है, क्योंकि FRA के तहत इन क्षेत्रों को ग्रामीण समुदायों को सौंपने का प्रावधान है। स्थानीय समुदायों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे उनकी पारंपरिक वन अधिकार व्यवस्था पर असर पड़ेगा।
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEC) को ग्रीस का समर्थन
ग्रीस ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEC) का पूरा समर्थन किया है। हालांकि, इज़राइल-गाजा युद्ध के कारण यह परियोजना फिलहाल रुकी हुई है। ग्रीस भारत के साथ व्यापार बढ़ाने और निवेश अवसरों को दोगुना करने की योजना बना रहा है।
अडानी समूह ग्रीस के वोलोस और कवाला बंदरगाहों में टर्मिनल स्थापित करने की संभावनाओं की तलाश कर रहा है। इस बीच, भारत और ग्रीस अवैध आप्रवासन को नियंत्रित करने के लिए एक समझौता करने पर भी विचार कर रहे हैं।
(प्रताप न्यूज़ लाइव की विशेष रिपोर्ट)