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छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में विराजित स्वयंभू मां विंध्यवासिनी मंदिर में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन गोधूलि बेला में ज्योत प्रज्वलित किया गया.*

1504 घी के ज्योत प्रज्वलित किए गए.

 

धमतरी\( डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव )चैत्र नवरात्र पर्व को लेकर पूरे देश भर में धूम है. शक्ति की भक्ति में लोग लीन है. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में विराजित स्वयंभू मां विंध्यवासिनी मंदिर में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन गोधूलि बेला में ज्योत प्रज्वलित किया गया. 1504 घी के ज्योत प्रज्वलित किए गए. अपनी-अपनी मनोकामना को लेकर स्थानीय समेत देश-विदेश से भी देवी भक्त ज्योति कलश प्रज्वलित करवाए हैं. इस बार नवरात्र में विंध्यवासिनी माता का नया स्वरूप लोगों का तो मन मोह ही रहा है तो वही मंदिर भी खास तौर पर नए रूप में नजर आ रहा है. भक्तों का कहना है कि इस बार विंध्यवासिनी मंदिर में आकर उन्हें खास तरह के सजावट और मंदिर का नया स्वरूप देखकर काफी अच्छा लग रहा है.विंध्यवासिनी मां के दर्शन करने भक्तों की भीड़:चैत्र नवरात्रि के पहले दिन रविवार को देवी मंदिरों में मां शैलपुत्री की पूजा हुई. नगर की आराध्य देवी बिलई माता विंध्यवासिनी मंदिर में सुबह से देर रात तक भक्तों की भीड़ नजर आई. इस साल बिलई माता मंदिर में भक्तों ने 15 सौ 4 मनोकामना ज्योत जलाए हैं. मां विंध्यवासिनी मंदिर में नवरात्रि का खास महत्व है. नवरात्रि के दौरान दूर-दराज से श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए आते हैं. साथ ही नौ दिनों तक ज्योति प्रज्जवलित करते हैं. खास बात ये है कि मां विंध्यवासिनी मंदिर में सिर्फ घी के ज्योत जलाए जाते हैं. मान्यता है कि मंदिर में मांगी गई हर मुराद पूरी जरूर होती है.

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