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एनआईटी रायपुर के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मामले में सुनवाई करते हुए उनके नियमितीकरण का आदेश

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति एके प्रसाद की एकलपीठ ने एनआईटी रायपुर के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मामले में सुनवाई करते हुए उनके नियमितीकरण का आदेश दिया है। इस निर्णय से 10 से लेकर 16 साल से यहां कार्यरत कर्मचारियों को बहुत बड़ी राहत मिली है। याचिकाकर्ता नीलिमा यादव, रश्मि नागपाल व 40 अन्य कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपने नियमितीकरण के लिए याचिका प्रस्तुत की थी।याचिकाकर्ता एनआईटी रायपुर के संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं। इन सभी की लिखित परीक्षा उतीर्ण होने और इंटरव्यू के बाद मेरिट के आधार पर नियुक्ति की गई थी। सभी कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत है ,उसकी शैक्षणिक योग्यता व अनुभव भी रखते हैं ।

सभी कर्मचारी नियमित पद के विरुद्ध कार्यरत है और इन्हें कार्य करते हुए 10 साल से अधिक का समय हो चुका है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुश्री दीपाली पाण्डेय ने याचिका प्रस्तुत की। जस्टिस ए के प्रसाद की अदालत में तर्क रखते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित स्टेट ऑफ कर्नाटक वि उमा देवी, स्टेट ऑफ कर्नाटक वि एम एल केसरी, विनोद कुमार व अन्य वि यूनियन ऑफ इंडिया , स्टेट ऑफ उड़ीसा वि मनोज कुमार प्रधान , श्रीपाल व अन्य वि नगर निगम गाजियाबाद आदि आदेशों का न्यायादृष्टांत प्रस्तुत किया । एनआईटी के अधिवक्ता ने किसी नियमितीकरण हेतु नियम नहीं होने का तर्क रखा।

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