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नजूल की जमीन को फजूल की समझ कर रसूखदारों ने काॅम्पलेक्स बनाया,

हाई कोर्ट ने दिया सख्तआदेश

 

काँकेर ।…..देश-प्रदेश के कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए कांकेर के रसूखदारों ने जिस प्रकार नेशनल हाईवे में अवैध दुकानें बनाकर दिखा दी हैं ,वह न केवल सरकारी संपत्ति की लूट का बल्कि अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए दो बड़ी पार्टियों की एकता और गहरे प्रेम का भी उदाहरण है।
ज्ञातव्य है कि सन 2018 या उससे भी कुछ पूर्व शहर की दोनों पार्टियों के कुछ नेताओं ने मिलाजुला षड्यंत्र करके नेशनल हाईवे 30 पर आलोका होटल के नजदीक खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया था और धीरे-धीरे उस पर दुकानों का निर्माण शुरू कर दिया। इस पर कुछ जानकारों ने शोर मचाया लेकिन बड़ी पार्टी वालों ने अपने-अपने चमचों के बाहुबल पर सबको चुप कर दिया। इस जमीन में न केवल नजूल बल्कि नेशनल हाईवे की भी हिस्सेदारी है लेकिन ये दोनों विभाग भी रहस्यमय कारणों से चुपचाप बैठे तमाशा देखते रहे। नवंबर 2018 में एक सरकार हारी और दूसरी आ गई लेकिन इसने भी 5 साल तक नाजायज कब्जा हटाने कुछ नहीं किया। अब एक बार फिर एक सरकार को सत्तासीन हुए डेढ़ साल होने जा रहे हैं। सारा प्रकरण उन्हें भी बखूबी मालूम है लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों के चरणचिन्हों पर चलते हुए कार्यवाही नदारद है। मालूम हुआ है कि यह सरकार सुशासन पर्व मनाने जा रही है ,जो 100 दिनों से अधिक चलेगा (दुनिया का सबसे लंबा पर्व 75 दिनों का बस्तर दशहरा है लेकिन यह सरकार उसका भी रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है)। कितना ही अच्छा हो यदि इस बीच अपने सुशासन को सच्चा साबित करते हुए यह सरकार उक्त अवैध दुकानों को भी तोड़ दे? वैसे भी एक विशेष पार्टी द्वारा शासित राज्यों में बुलडोजर संस्कृति लागू हो ही चुकी है लेकिन यहां शायद इसलिए कार्यवाही नहीं हो रही है क्योंकि इसमें उस पार्टी के भी नेता पेरे जाएंगे ? 2018 से 2025 तक दोनों पार्टियों की मिली जुली भ्रष्टाचारी नेताओं की टीम आराम से कांप्लेक्स बनाती रही। ना तो जनता की कोई सुनवाई हुई और न आरटीआई कार्यकर्ताओं की । इससे व्यथित होकर अधिवक्ता डाकेश्वर सोनी ने सन् 2023 में हाई कोर्ट में मामला प्रस्तुत कर दिया। जिसका फैसला अब आया है। इसके निष्कर्ष में स्पष्ट आदेश है कि जिला प्रशासन नजूल आदि सख्ती के साथ 120 दिनों के अंतर्गत अवैध कब्जे पर कार्यवाही करें। यह फैसला आते ही श्री डाकेश्वर सोनी को चारों तरफ से बधाइयां प्राप्त हो रही हैं , इसलिए कि उन्होंने शहर के कुख्यात राजनीतिक गठजोड़ वाले भू माफिया को हाई कोर्ट में पटकनी दी है।

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