कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्र बंधापारा में बच्चों से की भेंट
मध्यम कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने जिले के अधिकारियों द्वारा 69 बच्चों की की जा रही निगरानी

कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्र बंधापारा में बच्चों से की भेंट
मध्यम कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने जिले के अधिकारियों द्वारा 69 बच्चों की की जा रही निगरानी
कोंडागांव, 21 मई 2025/ जिले के मध्यम कुपोषित बच्चों की सतत निगरानी और सुपोषित श्रेणी में लाने के उद्देश्य से जिले अधिकारियों को एक एक बच्चे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोंडागांव जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना द्वारा इस पहल की शुरुआत की गई है। इसी कड़ी में कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने आज सुबह आंगनबाड़ी केंद्र बंधापारा में पहुंचकर लव्यांश नामक बच्चे से मुलाकात की और उनके वज़न और ऊंचाई के बारे में जानकारी प्राप्त की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चे का वजन सामान्य से कम होना बताया गया।
कलेक्टर ने उनकी माता से भी संवाद किया और बच्चे को नियमित पोषण आहार देने की समझाइश दी गई और बच्चे का हर सप्ताह वजन कराने को कहा गया। कलेक्टर ने इस अवसर पर आंगनबाड़ी भवन का निरीक्षण करते हुए भवन के मरम्मत करने, वाटर हार्वेस्टिंग लगवाने और परिसर में पोषण वाटिका बनाने हेतु निर्देशित किया। इस दौरान यूनीसेफ के विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे।
जिला पंचायत सीईओ श्री अविनाश भोई ने भी कोंडागांव शहर आंगनबाड़ी केंद्र शीतला पारा-1 में आज दौरा किया। इस दौरान पुष्कर देवांगन से घर जाकर मुलाकात की गई। उनके द्वारा बच्चे की माँ पिता एवं दादी से मिलके बच्चे को पोष्टिक भोजन देने हेतु समझाईस दी गई। इसी तरह एसडीएम श्री अजय उरांव, तहसीलदार श्री मनोज रावटे, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री विमल गौतम, पीडब्लूडी के ईई श्री एआर मरकाम, समाज कल्याण विभाग की श्रीमती ललिता लकड़ा, पशुपालन विभाग के डॉ0 एमबी सिंह, खेल अधिकारी सुश्री सुधा कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान, पीएमजी एसवाय के श्री बलराम ठाकुर, क्रेडा विभाग की श्रीमती सविता कश्यप, जिला सांख्यिकी अधिकारी श्री देवेन्द्र शोरी, श्रम निरीक्षक श्री निर्मल साहु, डीएमसी श्री ईमल बघेल ने अपने-अपने गोद लिए बच्चों एवं अभिभावक से आंगनबाड़ी में मिलकर समझाईस दी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी लाने किये जा रहे प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये जिले के 69 अधिकारियों को एक-एक मध्यम कुपोषित बच्चों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संबंधित अधिकारी गोद लिये गये बच्चों के माता-पिता, से संपर्क कर बच्चे के खानपान, स्वच्छता एवं चिकित्सकीय सुविधा हेतु आवश्यक परामर्श देते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे एवं संबंधित बच्चे की वृद्धि निगरानी का पर्यवेक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों से बच्चे को पोषण आहार का प्रदाय, उचित चिकित्सकीय सुविधा, स्वच्छता एवं स्वयं से भी आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रयास करेंगे।