राज्यपाल व मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सौ दिवसीय निःक्षय शिविर अभियान सम्मान समारोह तथा स्वस्थ यकृत मिशन का शुभारंभ
वर्ष 2028 तक प्रदेश को टी.बी. मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
राज्यपाल पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 100 दिवसीय निःक्षय शिविर अभियान सम्मान समारोह और स्वस्थ यकृत मिशन का शुभारंभ राजभवन स्थित सांदीपनि सभागार में किया। उन्होंने कहा कि टी.बी. के उन्मूलन के लिए संक्रमण नियंत्रण और सही तरीके से समय पर पूरी मात्रा में दवा लेने के संबंध में भी जन जागृति के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि टी.बी. की दवा को बीच में छोड़ने से रोगी दवाओं के प्रति ड्रग रजिस्टेंट हो जाता है। इससे इलाज कठिन और संक्रमण फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है। उन्होंने नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए स्वस्थ यकृत मिशन शुभारंभ के लिये सरकार की सराहना की। राज्यपाल ने कार्यक्रम में स्वस्थ लिवर की जांच के लिए बताए गए आसान तरीको से जांच करने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पतंजलि से लेकर घेरंड संहिता तक से हमें, काया को निरोगी बनाए रखने के सूत्र प्राप्त होते हैं। भारतीय ज्ञान ग्रंथ भी यही विचार देते हैं कि जैसे पका हुआ फल अपना जीवन पूर्ण करता है, वैसे ही व्यक्ति भी अपनी जीवन यात्रा पूर्ण करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2028 तक प्रदेश को टी.बी. मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में प्रत्येक स्तर पर सघन प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में सम्मानित टी.बी. चैंपियंस के प्रयासों और टी.बी. को हराने के उनके मन के संकल्प और प्रयासों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने 72 वर्षीय पद्म भूषण डॉ. सरीन की नियमित दिनचर्या और प्रतिदिन व्यायाम करने की जानकारी देते हुए सभी को व्यायाम और नियमित दिनचर्या के लिए प्रेरित किया है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि सौ दिवसीय नि:क्षय शिविर अभियान में केन्द्र सरकार द्वारा केवल मध्य प्रदेश का सम्मान किया गया है। उन्होंने टी.बी. उन्मूलन प्रयासों के क्रियान्वयन में प्रदेश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि निरोगी काया अभियान के तहत 90 लाख लोगों की डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, फैटी लिवर सहित विभिन्न रोगों की जाँच की गई है। अभियान को जारी रखते हुए शत प्रतिशत के लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एयर एम्बुलेंस के द्वारा रोगियों को उपचार उपलब्ध कराने के साथ ही अंग प्रत्यारोपण के लिए अंग उपलब्ध कराने का कार्य भी सफलता पूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंगदान, देहदान करने वालों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। उनके परिजनों को भी गणतंत्र एवं स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित करने की रूप-रेखा तैयार की गई है। प्रदेश में लिवर प्रत्यारोपण सुविधा की उपलब्धता के प्रयास भी किए जा रहे हैं।अभियान के दौरान 23 चिन्हित जिलों में टी.बी. की सवा 6 लाख से अधिक जाँचे की गई है। नए 22 हजार से अधिक रोगियों को उपचार उपलब्ध कराया गया है। अभियान में 18 हजार से अधिक नए नि:क्षय मित्रों के द्वारा 28 हजार से अधिक फूड बास्केट वितरित किए गए हैं। आर्थिक सहायता भी 30 हजार से अधिक को डी.बी.टी. के द्वारा दी गई है। अभियान को अब पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर अभियान का लक्ष्य “यकृत बचेगा, जीवन सजेगा” है। लगभग 2.5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। चुनौती का सामना जीवनचर्या में परिवर्तन के द्वारा किया जाएगा।