रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी आधारित दस नवाचारों से नागरिकों को मिलेगी सहूलियत – मंत्री श्री केदार कश्यप
रजिस्ट्री प्रक्रिया में आए बदलावों की जानकारी सभी को होना आवश्यक‘
रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी आधारित दस नवाचारों से नागरिकों को मिलेगी सहूलियत – मंत्री श्री केदार कश्यप
‘रजिस्ट्री प्रक्रिया में आए बदलावों की जानकारी सभी को होना आवश्यक‘
‘बस्तर जैसे अंचल में सरलीकरण और डिजिटाईजेशन का मिलेगा लाभ‘
कोण्डागांव, 28 मई 2025/ वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन एवं सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने पंजीयन की 10 क्रांति के अंतर्गत रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी आधारित दस नवाचारों को बस्तर के लिए क्रांतिकारी बताते हुए इसकी जानकारी जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता बताई। पंजीयन विभाग द्वारा इन नवाचारों की जानकारी देने के लिए बुधवार 28 मई को जिला कार्यालय के भू-तल स्थित सभा कक्ष में आयोजित कार्यशाला में मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि यह दौर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है, जिसमें हमें भी आधुनिक तौर तरीकों से सुसज्जित रहना है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रजिस्ट्री कार्य को डिजिटाईजेशन के माध्यम से आधुनिक कलेवर दिया है। छत्तीसगढ़ विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है और जीएसटी संग्रह में भी हमारा राज्य अब अग्रणी हो गया है। श्री कश्यप ने इस अवसर पर कहा कि इस पंजीयन प्रक्रिया में दस नए बदलावों के संबंध में अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी पहंुचाने के लिए सभी मिलकर प्रयास करें, जिससे लोगों को इसकी जानकारी हो और लोग इसका लाभ ले सके। मंत्री श्री कश्यप ने पंजीयन प्रक्रिया में लाए गए आमूलचूल परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री श्री ओम प्रकाश चौधरी और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री टंकराम वर्मा को बधाई दी।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार सभी स्तर पर डिजिटल गवर्नेस को अपना कर सुशासन स्थापना की दिशा में कार्य करते हुए शासकीय काम-काज में पारदर्शिता ला रही है। साथ ही शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर इनका लाभ आमजन तक समय पर पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा पंजीयन की 10 क्रांति के अंतर्गत रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी आधारित दस नवाचारों का शुभारंभ किया गया है। डिजिटल गवर्नेस का बेहतरीन उदाहरण इन 10 क्रांतिकारी पहल में है जो पंजीयन विभाग के माध्यम से किए गए हैं।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेण्डी ने कहा कि पंजीयन के क्षेत्र में नई क्रांति आई है। जिसकी जानकारी सभी को होना आवश्यक है।
कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने इस अवसर पर कहा कि राज्य शासन की इस पहल की व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जिससे जिले के नागरिक पंजीयन संबंधी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
कार्यशाला में बताया गया कि ’आधार आधारित प्रमाणीकरण सुविधा’ के अतंर्गत पंजीयन साफ्टवेयर को आधार लिंक किया गया है, पंजीयन के समय क्रेता-विक्रेता एवं गवाहों की पहचान आधार रिकार्ड के माध्यम से की जाएगी जिससे गलत व्यक्ति को खड़े कराकर पंजीयन नही हो सकेगा। आम जनता को फर्जीवाड़े का शिकार नही होना पड़ेगा।
’ऑनलाईन सर्च एवं डाउनलोड की सुविधा’ से आम आदमी वर्षों की जमा पूंजी लगाकर स्वयं का घर खरीदते है, इसलिए संपत्ती खरीदने से पहले पूरी जांच पड़ताल आवश्यक है। अभी रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय में स्वयं या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर सर्च करना पड़ता है, ऑनलाईन सर्च का प्रावधान होने से खसरा नंबर डालते ही उस खसरे के पूर्व के समस्त लेनदेन की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त हो सकेगी।
भार मुक्त प्रमाण पत्र एक बहुत ही आवश्यक प्रमाणपत्र है जो संपत्ति खरीदने के पूर्व उसकी जानकारी उपलब्ध कराता है। यह प्रमाणपत्र अब आनलाइन ही प्रदाय किया जा सकेगा।
पहले रजिस्ट्री कराने के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का अलग अलग जगह और समय पर भुगतान करना पड़ता था। अब स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क को एक साथ लिये जाने के लिए एकीकृत कैशलस सिस्टम तैयार किया गया है। स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क का एकसाथ सुविधानुसार क्रेडिट डेबिट कार्ड, पी०ओ०एस० मशीन, नेट बैंकिंग अथवा यू०पी०आई से फीस का भुगतान हो सकेगा।
व्हाट्सएप आज के समय में सर्वाधिक उपयोग हो रहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। पंजीयन कराने वाले क्रेता-विक्रेता को अपाईन्टमेंट सहित पंजीयन होने तक सभी प्रकार के अपडेट एवं एलर्ट व्हाट्सएप में ही प्राप्त होंगे। रजिस्ट्री की प्रति भी व्हाट्सएप से ही डाउनलोड हो जायेगी। इस सुविधा के माध्यम से फीडबैक एवं शिकायतें भी व्हाट्सएप के माध्यम से की जा सकेंगी।
रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिलॉकर में सुरक्षित स्टोर किया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पक्षकार को आसानी से डिजीटल प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो जाए।
जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपर लेस बनाया गया है। ऑनलाईन दस्तावेज प्रारूप का चयन कर पक्षकार और संपत्ति विवरण दर्ज करने पर स्वतः ही दस्तावेज तैयार हो जाएगा। वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा।
कुछ दस्तावेज जिसमें स्टाम्प लगाना आवश्यक है, परन्तु पंजीयन अनिवार्य नही है जैसे कि शपथ पत्र, अनुबंध पत्र ।इनका प्रारूप ऑनलाईन डिजीडॉक्यूमेंट से तैयार कर स्टाम्प शुल्क भी डिजीटल रूप से चुकाया जा सकेगा। दस्तावेज तैयार करने और स्टाम्प के लिए अलग-अलग जगह जाने की आवश्यकता नहीं है।
जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपरलेस किया गया है। दस्तावेज का प्रारूप चयन करने से ऑनलाईन दस्तावेज तैयार हो जाएगा स्टाम्प और पंजीयन फीस ऑनलाईन चुकाकर पक्षकार पंजीयन के लिए अपाइन्टमेंट लेकर घर बैठे ही आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से पंजीयन करा सकेंगे। रजिस्ट्री पूर्ण होते ही दस्तावेज स्वतः ही ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगा।
अचल संपत्ति खरीदने के लिए पंजीयन कराया जाता है। उसके बाद उसे राजस्व रिकार्ड में अद्यतन कराना पड़ता हैं, नामांतरण की इस प्रक्रिया में महीने लग जाते थे, इस बीच वही संपत्ति अन्य को बेच दिये जाने पर पीड़ित पक्षकारों को न्याय के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है। अब पंजीयन के तुरंत बाद ही स्वतः नामांतरण होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि आम जनता को फर्जीवाड़े का शिकार भी नही होना पड़ेगा।
- इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रीता सोरी, जिला पंजीयक श्रीमती सत्या कश्यप सहित जिले के गणमान्य नगरिक एवं पत्रकार उपस्थित थे।