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RMSA स्कूल टी संवर्ग/ई संवर्ग_ स्थिति स्पष्ट करें शिक्षा विभाग। स्कूलों तथा शिक्षकों के युक्ति युक्तकरण के पूर्व दावा/ आपत्ति लिया जावे__ गजेंद्र श्रीवास्तव*

 

जगदलपुर! पूरे प्रदेश में एक बार फिर शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। ज्ञात हो कि विगत 8 माह पूर्व स्कूलों और शिक्षकों का युक्ति युक्तकरण किया जा रहा था। इसके नियमों में भारी विसंगति के कारण शिक्षकों ने काफी विरोध किया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक जगदलपुर श्री किरण देव की आवश्यक पहल पर युक्तियुक्तकरण पर विराम लगा।
अब पुनः सरकार स्कूलों व शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने जा रही है। जिस नियम में बहुत विसंगति रही उसे जस का तस लागू किया गया है। जिसका काफी मुखर विरोध हो रहा है। यदि किसी स्कूल में पूर्व से विज्ञान का शिक्षक पदस्थ है, उसके बाद शासन पुनः विज्ञान के अतिथि शिक्षक की नियुक्ति करती है, तो पूर्व के शिक्षक को अतिशेष बनाया जा रहा है। जो की नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है ।
यहां यह प्रश्न उठता है कि जब पहले से विज्ञान शिक्षक पदस्थ था तो अधिकारी ने अतिथि विज्ञान शिक्षक की नियुक्ति क्यों की?
इसी प्रकार शिक्षा विभाग को RMSA स्कूल टी संवर्ग है या ई संवर्ग यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। बस्तर जिले के RMSA के स्कूलों में दोनों संवर्ग के शिक्षक कार्य कर रहे हैं। अब वहां के स्कूलों में किसे अतिशेष माना जाएगा । अतः शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के पूर्व शिक्षा विभाग RMSA के स्कूलों की स्थिति स्पष्ट करें ।
गजेंद्र श्रीवास्तव ने आगे कहा कि बस्तर जिले में स्कूलों व शिक्षकों के युक्ति युक्तकरण करने की पारदर्शिता के लिए दावा आपत्ति आमंत्रित अवश्य किया जावे। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के वर्ष 2008 के सेटअप को यथावत रखने की मांग भी की है। किसी भी सूरत में 2008 का सेटअप में परिवर्तन करने से प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल दाल भात केंद्र बन जाएंगे।

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