जिला अस्पताल में अचानक डॉक्टरों का संकट
पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक कर 10 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ दी

धमतरी: जिला अस्पताल में अचानक डॉक्टरों का संकट खड़ा हो गया है. पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक कर 10 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ दी. इनमें से 7 ने इस्तीफा दिया है. 3 डॉक्टरों ने वीआरएस ले लिया है. जिला अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 35 पद हैं. 10 डॉक्टर कम होने से अब 24 डॉक्टर ही जिला अस्पताल में ड्यूटी देने के लिए रह गए हैं. डॉक्टरों की संख्या कम होने से डॉक्टरों को एक्सट्रा ड्यूटी भी करनी पड़ रही है. डॉक्टरों की कमी का खामियाजा मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में सामान्य दिनों में रोजाना 300 से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं. वहीं मौसमी बीमारी फैली तो ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 500 के पार चली जाती है. ऐसे में जब 34 डॉक्टर थे तब भी वो कम पड़ते थे. अब गरीबी में आटा गीला वाली स्थिति बन गई है. अस्पताल के सीएमएचओ ने फिलहाल डॉक्टरों को एक्स्ट्रा ड्यूटी लगा कर समस्या को मैनेज करने की कोशिश की है. दूसरी तरफ शासन को भी पत्र लिख कर समस्या बताई है. फौरन डॉक्टरों की मांग रखी है. इस्तीफ़ा देने वालों में सर्जन डॉ विभोर नंदा, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष खालसा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष अग्रवाल, त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ एस मधुप, सर्जन डॉ उत्कर्ष नंदा, डॉ यश साहू और कृतिका नाथ चटर्जी शामिल हैं. जिला अस्पताल में मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है. वहीं डाक्टरों के इस्तीफे का दौर भी थमने का नाम नही ले रहा है. दो दिन पहले ही पैथोलाजिस्ट डॉ कृतिका नाथ चटर्जी ने निजी कारणों से अपना इस्तीफा सिविल सर्जन को सौंपा. वहीं पैथोलाजिस्ट डॉ लोकेश साहू का प्रमोशन बेमेतरा हुआ जिसके बाद पद रिक्त है. डाक्टरों के इस्तीफे की वजह से आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.जिला अस्पताल धमतरी में रोजाना ओपीडी में 400 से अधिक मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंचते हैं. जिनसे से स्त्री रोग, बीपी, शुगर, एनीमिया, हार्ट संबंधि बीमारियों के मरीज शामिल हैं. जिनको विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से निराश होकर वापस लौटना पड़ता है या फिर सरकारी के बजाय निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है.
जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के 1 ,सर्जिकल के 2 ,शिशु रोग विशेषज्ञ के 2 ,निश्चेतना के 1 विशेषज्ञ, पैथोलॉजी के 1 ,नाक कान गला रोग के 1, अस्थि रोग के 1 और मनोरोग के 2 विशेषज्ञ चिकित्सक समेत कुल 11 डॉक्टरों की कमी झेल रहा है. बावजूद जनवरी माह से अब तक 7 डाक्टरों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दिया है. 2 डॉक्टर डॉ टीआर ध्रुव और डॉ संजय वानखेड़े जुलाई औरअगस्त माह में सेवानिवृत होने वाले हैं.सीएमएचओ ने चिकित्सकों के इस्तीफे को लेकर कहा कि जिला अस्पताल में वर्क लोड इसका सबसे बड़ा कारण है. इसके अलावा ख़ुद के निजी नर्सिंग होने के कारण डॉक्टर इस्तीफा दे रहे हैं. शासन को इनकी जानकारी दी गई है. जल्द ही स्पेसलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल में लगातार सुधार लाने प्रयास किया जा रहा है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के लिये राज्य शासन को अवगत कराया गया है. जल्द डॉक्टरों की कमी दूर होगी.