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कोण्डागांव/ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है श्री ठाकुर राम कुरे सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शन में सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति जिला कोण्डागांव के तत्वाधान में जिला कोण्डागांव, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर जगदलपुर,सुकमा ,दंतेवाड़ा के ग्रामीण अंचल में चलने वाले सरस्वती शिशु मंदिर के नवीन आचार्यों का दस दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग सरस्वती शिशु मंदिर मालगांव कोण्डागांव में शुभारंभ हुआ।

कोण्डागांव/ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है श्री ठाकुर राम कुरे सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शन में सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति जिला कोण्डागांव के तत्वाधान में जिला कोण्डागांव, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर जगदलपुर,सुकमा ,दंतेवाड़ा के ग्रामीण अंचल में चलने वाले सरस्वती शिशु मंदिर के नवीन आचार्यों का दस दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग सरस्वती शिशु मंदिर मालगांव कोण्डागांव में शुभारंभ हुआ।

 

कोण्डागांव/ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है श्री ठाकुर राम कुरे सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शन में सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति जिला कोण्डागांव के तत्वाधान में जिला कोण्डागांव, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर जगदलपुर,सुकमा ,दंतेवाड़ा के ग्रामीण अंचल में चलने वाले सरस्वती शिशु मंदिर के नवीन आचार्यों का दस दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग सरस्वती शिशु मंदिर मालगांव कोण्डागांव में शुभारंभ हुआ।

इस वर्ग के मुख्य अतिथि श्रीमती सावित्री पोयम ने विभिन्न स्थानो से आए सरस्वती शिशु मंदिर के सभी आचार्यों को बधाई देते हुए कहा कि आप सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करें,अपने विद्यालय के नौनिहाल बच्चों का भविष्य उज्जवल करेंगे,और मुझे निश्चित ही आशा है कि आप सभी संस्था के नियमानुसार कार्य करेगें।”

मुख्य वक्ता सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति छत्तीसगढ़ के प्रादेशिक अध्यक्ष मा.श्री ठाकुर राम कुर्रे जी ने उद्घाटन समारोह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि”

प्रशिक्षण का उद्देश्य बच्चो के सर्वांगीण विकास करना है,

ग्रामीण क्षेत्र में जाकर अपनी विद्यालय में बच्चों को संस्कार देना है हमारे सरस्वती शिशु मंदिर में विभिन्न विषय एवं आयाम पर प्रशिक्षण दिया जाता है बहु विषयक पंच परिवर्तन,समाज में सामाजिक समरसता, सामाजिक चेतना, बच्चो का सर्वांगीण विकास करना है।

आचार्य प्रशिक्षण के बाद अपने क्षेत्र में जाकर विद्यालय में जो प्रशिक्षण में प्राप्त हुआ है उसे भैया-बहन को सीखाना है।सरस्वती शिशु मंदिर की अखिल भारतीय स्तर पर एक योजना बनता है उसे योजना के तहत हम लोग सब काम करते हैं, हमारा विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर समाज से चलने वाला विद्यालय होता है, हमारे भैया-बहन के सर्वांगीण विकास की शिक्षा दिया जाता है ,योग व सामाजिक समरसता का शिक्षा दिया जाता है, केन्द्रिय ईकाई के पांच आधार भूत विषय,पंचपदी शिक्षण पद्धति ,नई शिक्षा नीति,विषय शिक्षण आदि पर आप सभी प्रशिक्षित होंगे।

जब हम अच्छे से यहां सीख कर जाएंगे,तो भैया-बहन को अच्छा सिखायेंगे, मार्गदर्शन देंगे”।

मा.श्री ठाकुर राम कुर्रे जी ने कहा कि”भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को निरन्तर को आगे बढ़ाने व मातृभूमि के लिए हम काम कर रहे हैं,हम देश के लिए काम कर रहे हैं। सरस्वती शिशु मंदिर का प्रथम विद्यालय 1952 से गोरखपुर में हुआ,जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा के अनुसार शिक्षा के माध्यम से भैया बहनों में संस्कार की शिक्षा देने के साथ-साथ देशभक्ति भावना जागृत करना था।उत्तरप्रदेश के बाद मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में 1967 से अंबिकापुर में प्रारंभ हुआ।,

देश में विस्तार के लिए दृष्टि से 1977 में विद्या भारती का गठन हुआ।

महासमुंद जिला में छत्तीसगढ़ का ग्रामीण विद्यालय का पहला केन्द्र गुचापाली में प्रारंभ हुआ,अभी हमारे छत्तीसगढ़ प्रांत में 915 ग्रामीण विद्यालय संचालित है।

वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में विद्या भारती सरस्वती शिशु का चार प्रकार के कार्य चल रहा है— शहरी या नगर में नगरीय विद्यालय,ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण विद्यालय, वनांचल क्षेत्र में एकल विद्यालय, झुग्गी झोपड़ी क्षेत्र में संस्कार केन्द्र चल रह है। मा.श्री ठाकुर राम कुर्रे जी ने विद्या भारती सरस्वती शिशु मंदिर की विकास यात्रा पर महत्वपूर्ण योजना के बारे में जानकारी दिए।”

 

कार्यक्रम में विशेष अतिथि जिला पंचायत सदस्य मा. श्री आनंद कुमार राठौर जी ने शिशु मंदिर की योजना की प्रशंसा करते हुए कहां की शिशु मंदिर में अच्छा पढ़ाई के साथ-साथ अच्छा संस्कार अनुशासन हमारी संस्कृति के बारे में हमें ज्ञात कराता है हमको आगे बढ़ाने में व संस्कृत देश की संस्कृति मां भारती के संस्कृति मां भारती की सुरक्षा के लिए सरस्वती शिशु मंदिर विद्या भारती देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।”

 

वर्ग प्रतिवेदन में सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति जिला कोंडागांव के सचिव मा. श्री त्रिलोक सार्वा जी ने कहा कि सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति छत्तीसगढ़ प्रांत के योजना अनुसार विभाग स्तरीय 10 दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति कोण्डागांव के तत्वाधान में सरस्वती शिशु मंदिर मालगांव में दिनांक 3 जून मंगलवार शायं से 14 जून प्रातः तक आवासीय प्रशिक्षण संपन्न होगा ।

इस वर्ग में संभाग से सात जिला व 25 विकासखंड से 11आचार्य, 67 दीदी योग 78 प्रशिक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं ।

वर्ग संचालन हेतु शिक्षक 07 आचार्य ,04 दीदी योग 11, व्यवस्था में छह आचार्य 03 दीदीयां, जिला प्रवासी कार्यकर्ता 02 ,स्थानीय समिति पालकगण स्थानीय आसपास निकटम ग्रामवासियों का अभूतपूर्व हो रहा है।”

कार्यक्रम में आभार व्यक्त करते हुए सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति जिला कोंडागांव के अध्यक्ष मा.श्री तोरण वर्मा ने कहा कि अच्छे से वातावरण निर्माण करते हुए हम अपने बच्चों को किस प्रकार शिक्षा देंगे और उसी वातावरण को निर्माण करने जा रहे हैं , हम अपने विद्यालय जाएंगे जो शिक्षा का आयाम है हमारी जीवन में प्रवेश करने जाएगा और सारे लोग अच्छे से सीख लेंगे और विद्या भारती के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हम प्रशिक्षण में 10 दिन इस अनुकूल वातावरण में रहेंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित आप सभी सम्मानीय अतिथिगण, प्रशिक्षक, प्रशिक्षार्थी ,सम्मानीय जनप्रतिनिधिगण,पालकगण, ग्रामवासी सभी का आभार धन्यवाद।

कार्यक्रम में श्री रामचंद्र नेताम सरपंच ग्राम पंचायत कुम्हारी, श्री भुवनेश्वर दास मानिकपुरी उपसरपंच मालगांव, श्री पंचम सिंह मरकाम ग्राम पटेल मालगांव ,श्री सोमारू पोयम,श्री मेंगसर नेताम,श्री भुवनेश्वर पोयाम सरपंच प्रतिनिधि, विद्यालय समिति के संयोजक व वर्ग अधिकारी श्री महेंद्र नेताम, सहित पालकगण ग्रामवासी उपस्थित रहे

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