भोपाल

विद्यालयों में ईको क्लब के माध्यम से एक पेड़ माँ के नाम 2.0 के रूप में व्यापक स्तर पर चलाया जायेगा पौध रोपण अभियान

स्कूल शिक्षा विभाग 50 लाख पौधों का करेगा रोपण

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विद्यालयों में 5 जून से ईको क्लब के माध्यम से व्यापक स्तर पर पौध रोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह अभियान प्रदेश में एक पेड़ माँ के नाम 2.0 के नाम से चलाने का फैसला किया गया है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये हैं। प्रत्येक जिले में अभियान के दौरान एक लाख पौधों का रोपण करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में विद्यार्थियों की भागीदारी से 30 सितम्बर तक 50 लाख पौधे रोपे जायेंगे।व्यापक स्तर पर पौध रोपण का उद्देश्य बच्चों और युवा पीढ़ी को सतत् विकास के प्रति संवेदनशील बनाने और प्रकृति को हरा-भरा बनाने में सक्रिय भागीदार बनाना है। यह अभियान मातृत्व की भावना का सम्मान करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना भी है। पौध रोपण में स्थानीय और क्षेत्रीय प्रजातियों के पौधे लगाने को प्राथमिकता दी जायेगी। अभियान के दौरान बच्चों को पौधों की किस्मों और उनके फायदे की जानकारी भी साझा की जायेगी। जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी को विद्यालयों, ग्राम में उपलब्ध्भूमि एवं विद्यालय की छात्र संख्या के अनुसार कार्ययोजना बनाने के लिये कहा गया है। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठन करने को कहा गया है। समिति में वनमंडल अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, स्कूल प्राचार्य, समाज के प्रमुख नागरिकों को शामिल करने के लिये कहा गया है। समिति के नोडल अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र सहायक नोडल अधिकारी होंगे। पौध रोपण की तैयारी 4 जून तक करने के लिये कहा गया है। पौध रोपण मुख्य रूप से स्कूल परिसर, स्कूल तक जाने वाली सड़क, सार्वजनिक स्थल और अमृत सरोवर के आस-पास किया जायेगा। पौध रोपण के बाद उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी तय किये जाने के लिये कहा गया है।ग्रीष्म अवकाश के बाद 15 जून से बच्चों को प्रात: सभा के समय पौधों के महत्व के बारे में बताने के लिये कहा गया है। लगाये गये पौधों के साथ एक पट्टिका होगी, जिसमें विद्यार्थी और उसकी माता का नाम भी अंकित किया जायेगा। प्रत्येक वृक्ष प्रजाति के लिये एक क्यू-आर कोड भी बनाया जा सकता है, जिससे बॉटनिकल जानकारी का डिजिटली प्रसार हो सकेगा। जिला स्तर पर कक्षा 9 से 12 के विद्यालयों में संपूर्ण कार्यक्रम के क्रियान्वयन का सुपरविजन का दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी को और कक्षा 6 से 8 तक के विद्यालयों में कार्यक्रम की निगरानी का कार्य जिला परियोजना समन्वय जिला शिक्षा केन्द्र को सौंपा गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!