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जल जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए गोलावंड में चलाया जा रहा है जनजागरूकता अभियान

जल जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए गोलावंड में चलाया जा रहा है जनजागरूकता अभियान

जल जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए गोलावंड में चलाया जा रहा है जनजागरूकता अभियान

कोंडागांव, 08 जुलाई 2025/ कोंडागांव जिले के ग्राम गोलावंड में डायरिया रोकथाम अभियान के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा की गई सक्रिय पहल से हालात नियंत्रण में हैं। पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी गोलावंड को डायरिया संभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था। अब तक कुल 113 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, हालांकि संतोषजनक बात यह रही कि किसी भी प्रकार की मृत्यु की सूचना नहीं मिली है।

विभाग द्वारा समय पर की गई निगरानी, उपचार और जन-जागरूकता की गतिविधियों के कारण स्थिति नियंत्रित बनी हुई है। पीएचईडी कोंडागांव की टीम जिसमें मितलेश साहू परियोजना समन्वयक,अमन श्रीवास्तव परियोजना समन्वयक और सुहानी बक्शी परियोजना समन्वयक शामिल थे, जिन्होंने ग्रामवासियों और विद्यालय के बच्चों के बीच जागरूकता सभा के माध्यम से डायरिया और उसके रोकथाम के उपाय के बारे में बताएं ।

इन सभाओं में बच्चों को हाथ धोने की सही विधि, स्वच्छ जल पीने की आदत, भोजन से पूर्व और शौच के बाद हाथ धोने का महत्व तथा खुले में शौच से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जानकारी दी गई। साफ-सफाई बनाए रखने और टॉयलेट उपयोग को लेकर भी जागरूक किया गया।

अभियान के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि डायरिया जैसी जलजनित बीमारियों से बचाव पूरी तरह संभव है, यदि लोग सतर्कता बरतें और स्वच्छ आदतों को अपनाएं। नियमित रूप से जल स्रोतों की सफाई, ढंके बर्तनों में पानी संग्रह करना, गंदे हाथों से भोजन न करना जैसे सामान्य उपायों को प्रभावी ढंग से अपनाने पर बल दिया गया।

ग्राम में लिए गए जल के नमूनों की जांच की गई, जिसमें अब तक किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण के संकेत नहीं पाए गए हैं। पीएचईडी टीम ने सरल भाषा और रोचक उदाहरणों के माध्यम से ग्रामीणों को यह समझाया कि डायरिया से बचाव केवल औषधियों पर निर्भर नहीं है, बल्कि स्वच्छ जीवनशैली के पालन से भी संभव है।

ग्रामवासियों ने इस प्रयास को सकारात्मक रूप से अपनाया और सामूहिक रूप से स्वच्छ जल के उपयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता और सामुदायिक सहयोग का संकल्प लिया। यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि जागरूक, स्वस्थ और सुरक्षित ग्राम निर्माण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ है।

 

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