फोकट का चंदन घिस मेरे नंदन….. 03 साल से फ्री प्रतियोगी परीक्षाओं में पर्यावरण की बर्बादी देख ड्यूटी करने वाले वीक्षक ने सीएम को पत्र भेजकर पर्यावरण बचाने लगाई गुहार
* 2022 से हर एक्जाम में बड़ी संख्या में क्वेश्चन बुकलेट ओएमआर शीट अनुपयोगी हो रही

कांकेर। 22 फरवरी को प्री बीएड प्री डीएलएड परीक्षा में बड़ी संख्या में परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।पर्यावरणविद संस्कार श्रीवास्तव ने सीएम शिक्षा मंत्री व्यापम को ईमेल कर प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षा शुल्क का प्रावधान रखने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 2022 से सीजीपीएससी व्यापम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की बेरोजगारी का हवाला देते हुए निशुल्क आवेदन की परंपरा शुरू की थी। वे इन परीक्षाओं में वीक्षक का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह देखा कि परीक्षार्थी इस निशुल्क आवेदन का सम्मान नहीं कर रहे हैं। बड़ी संख्या अब्सेंट रहते हैं। लिहाजा बड़ी संख्या में क्वेश्चन बुकलेट ओएमआर मार्कशीट यह परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं को वापस भेजनी पड़ती है। इससे कागज पर्यावरण का बड़ी मात्रा में नुकसान हो रहा है। निशुल्क व्यवस्था का गलत ढंग से फायदा उठाते हुए परीक्षार्थियों ने इसको मनमानी बना लिया है। यह प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण की पवित्र भावना के उलट है। इस तरह की निशुल्क व्यवस्था को ही समाप्त कर दिया जाए। जिससे कि बड़ी मात्रा में हो रही कागज की बर्बादी को रोका जा सके।_
*२२ मई को पूरे राज्य में प्री बीएड प्री डीएलएड परीक्षा हुई है। सभी केंद्रों में बड़ी संख्या में परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। प्रतियोगी परीक्षाओं को वोट बैंक नहीं बनाया जाना चाहिए चाहे सरकार कोई भी हो। हम सभी पर्यावरण को बचाने की बजाय उसका नुकसान कर रहे हैं। फ्री प्रतियोगी परीक्षा की परंपरा अनुचित है। फ्री बंद होना चाहिए।*_