पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति हेतु नवीन पंजीयन और नवीनीकरण अब वर्ष में तीन बार
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति हेतु नवीन पंजीयन और नवीनीकरण अब वर्ष में तीन बार
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति हेतु नवीन पंजीयन और नवीनीकरण अब वर्ष में तीन बार
कोण्डागांव, 28 मई 2025/ छत्तीसगढ़ शासन के आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के लिए अब नए पंजीयन एवं पंजीयनों का नवीनीकरण वर्ष में तीन बार हो सकेगा। इसके तहत 31 मई, 31 अगस्त और 30 नवम्बर नवीन पंजीयन एवं पंजीयनों की नवीनीकरण की अंतिम तिथि तय की गयी है। अब यह राहत उन विद्यार्थियों के लिए खासतौर पर दी गई है, जिनका विभिन्न कॉलेजों या संस्थानों में एडमिशन देर से हुआ है। निर्धारित तिथि तक कार्यवाही पूर्ण नहीं करने पर संबंधित संस्थाओं के संस्था प्रमुख जिम्मेदार होंगे।
यह योजना शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग, पॉलीटेक्निक और आईटीआई जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए है। 10वीं के बाद किसी भी प्रकार की पढ़ाई चाहे वह 11वीं-12वीं हो, डिग्री या डिप्लोमा कोर्स हो, या फिर आईटीआई/पॉलीटेक्निक सभी को पोस्ट मैट्रिक शिक्षा कहा जाता है। इस योजना के तहत छात्रों को उनकी शैक्षणिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
विद्यार्थी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://postmatric-scholarship.cg.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। स्कॉलरशिप के लिए आवेदन अब साल में तीन बार 31 मई, 31 अगस्त और 30 नवंबर तक किया जा सकेगा। यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि अलग-अलग कोर्स के परीक्षा परिणाम अलग-अलग समय पर जारी होते हैं।
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पालकों की सालाना आय 2.5 लाख रूपए तक एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु पालकों की सालाना आय 1 लाख रूपए तक होना चाहिए। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए स्थायी जाति प्रमाण पत्र के साथ ही मूल निवास प्रमाण पत्र (छत्तीसगढ़), पिछली कक्षा के रिजल्ट की प्रति होना आवश्यक है।
छात्रवृत्ति की राशि पीएफएमएस के माध्यम से आधार लिंक्ड बैंक खाते में भेजी जाएगी।
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 2025-26 में सभी पात्र छात्रों को एनएसपी पोर्टल से एक बार पंजीयन करना अनिवार्य है। नई संस्था के संस्था प्रमुख और छात्रवृत्ति प्रभारी का बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन अनिवार्य है।