मध्य प्रदेश

पुलिस का ‘सृजन कार्यक्रम’बाल सुरक्षा, आत्मरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक अभिनव पहल

कार्यक्रमों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण को विशेष प्राथमिकता दी गई

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेशभर में बाल संरक्षण, आत्मरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में संचालित सृजन कार्यक्रम ने एक नई मिसाल कायम की है। सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र के झुग्गी झोपड़ियां एवं बस्तियों में निवासरत किशोर बालक-बालिकाओं हेतु सृजन कैंप आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें उन्हें गुड टच-बैड टच, महिलाओं पर होने वाले घरेलू एवं यौन हिंसा की रोकथाम, बाल अधिकारों, आत्मरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी जा रही है।सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में किशोर सशक्तिकरण हेतु विविध गतिविधियाँ आयोजित की गईं। भोपाल, ग्वालियर, बड़वानी, राजगढ़, खंडवा, शिवपुरी सहित अन्य जिलों के थाना क्षेत्रों में हुए इन शिविरों में सैकड़ों किशोर-किशोरियों ने सहभागिता की। यह पहल पुलिस विभाग के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं के समन्वय से संभव हो पा रही है, जिसमें अमृता सेवा संस्था, अहिंसा वेलफेयर सोसायटी, युवा विकास मंडल, विकास संवाद, साथिया वेलफेयर सोसायटी, कृषक संस्थान, मुस्कान, वन स्टॉप सेंटर, प्रदीपन और अन्य संगठनों ने सक्रिय सहभागिता निभाई है। कार्यक्रमों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण को विशेष प्राथमिकता दी गई, जिसमें पुलिस विभाग के प्रशिक्षकों द्वारा पंचिंग, साइड किक, यूनिफाइड एक्शन कॉम्बैट सहित विभिन्न तकनीकों का अभ्यास कराया गया। साथ ही, संवाद कौशल, नेतृत्व विकास, प्रेरणा और आत्म-अभिव्यक्ति पर आधारित सत्र भी आयोजित किए गए।विगत दस दिनों में प्रदेश के 16 जिलों में कुल 22 स्थानों पर सृजन कार्यक्रम प्रारंभ हुए। इन आयोजनों के माध्यम से सैकड़ों किशोरों को नई दिशा, नई सोच और आत्मबल प्रदान किया गया। सृजन कार्यक्रम न केवल बच्चों को आत्मरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक बना रहा है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और भविष्य को नई दिशा भी दे रहा है।

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