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सत्यनारायण बाबा 27 सालों से तपस्या में लीन,

क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, कब सोते हैं और कब जागते हैं किसी को कोई पता नहीं*

 

रायगढ़: 27 सालों से तपस्या में लीन, क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, कब सोते हैं और कब जागते हैं किसी को कोई जानकारी नहीं। यह कहानी है सत्यनारायण बाबा की। छत्तीसगढ़ के हालांकि बाबा की वास्तविक उम्र को लेकर कई तरह के सवाल भी उठते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब भी छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय इनके भक्त हैं और समय-समय पर इनका आशीर्वाद लेने के लिए इनके आश्रम पहुंचते रहते हैं।रायगढ़ के कोसमनारा में है आश्रम सत्यनारायण बाबा का आश्रम छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में है। रायगढ़ के कोसमनारा गांव में इनका आश्रम है। बाबा के बारे में कहा जाता है कि यह बाबा 27सालों से तपस्या में लीन हैं। 16 फरवरी 1998 से उन्होंने अपनी तपस्या शुरू की थी जो आज भी चल रही है। बताया जाता है कि वह एक ही स्थान पर 27 सालों से बैठे हैं। इन्हें लोग हठयोगी भी कहते हैं।12 महीने एक की स्थान पर बैठे रहते हैं बाबा
ठंडी, गर्मी और बरसात का भी बाबा पर कोई असर नहीं होता है। बाबा एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं। बाबा के दर्शन करने के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा अब दूर-दूर से भक्त आते हैं। बाबा का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी लोग भी आते हैं।24 घंटे में केवल एक बार खोलते हैं आंख,बाबा क्या खाते हैं और कब जागते हैं आम भक्तों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। बाबा के आश्रम से जुड़े लोगों के अनुसार, बाबा 24 घंटों में केवल एक बार आंख खोलते हैं। इस दौरान बाबा फल और दूध का ग्रहण करते हैं। इस दौरान जितने भक्त आश्रम में मौजूद रहते हैं उनसे मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं। कहा जाता है कि बाबा बोलते भी नहीं हैं। भक्तों को उनकी समस्या का समाधान इशारों में ही बता देते हैं।1984 में हुआ था जन्म
बताया जाता है कि बाबा का जन्म 12 जुलाई 1984 को रायगढ़ के हकोसमनारा के पास देवरी गांव में हुआ था। बाबा के पिता किसान हैं। बाबा की बचपन से ही रूचि अध्यात्म की तरफ थी। उन्होंने पहली बार अपनी गांव के ही शिव मंदिर में लगातार 7 दिनों तक तपस्या की थी। हालांकि बाद में परिवार वाले उन्हें लेकर चले गए। लेकिन बाबा का मन संसारिक जीवन में नहीं लगा और सबकुछ छोड़कर तपस्या में लीन हो गए।

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