
ATS रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
नागरिकों को उनके निवास के निकट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विकसित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर 14 जुलाई 2025 को आयुष्मान आरोग्य शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों के माध्यम से समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन शिविरों में विभिन्न रोगों की जांच, उपचार एवं आवश्यकता पड़ने पर अन्य संस्थाओं में रेफरल की सुविधाएं भी उपलब्ध रहीं। इनमें ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, किशोरियों, वृद्धजनों की जांच की गई, जिनमें दस्त रोग, निमोनिया, नेत्र विकार, मुख दंत विकार, मानसिक स्वास्थ्य, नाक-कान-गला के विकार, क्षय रोग की जांच तथा अन्य पैथोलॉजिकल जांचें, उपचार तथा आवश्यकतानुसार रेफरल की सुविधाएं उपलब्ध थीं। इसके साथ ही इन शिविरों में परिवार कल्याण से संबंधित सेवाएं भी प्रदान की गईं।14 जुलाई को आयोजित आयुष्मान आरोग्य शिविरों की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दी गई थी। शिविरों की सघन निगरानी हेतु इन दिशा-निर्देशों की जानकारी कलेक्टर् एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी दी गई थी।प्रदेशभर में वर्ष 2018 से अब तक लगभग साढ़े बारह हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर विकसित किए जा चुके हैं, जिनमें 9663 उपस्वास्थ्य केंद्र, 1320 ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 796 आयुष आयुष्मान आरोग्य मंदिर तथा 557 शहरी स्वास्थ्य संस्थाएं शामिल हैं। इन संस्थाओं के माध्यम से वर्ष 2024-25 में 2,06,36,313 स्वास्थ्य परीक्षण किए गए। पूर्व में जहां नागरिकों को ब्लड प्रेशर एवं ब्लड शुगर जैसी जांचों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा जिला अस्पतालों तक जाना पड़ता था, वहीं अब ये सुविधाएं नागरिकों को महज 5 से 30 मिनट की दूरी पर उपलब्ध हैं। इन शिविरों के माध्यम से निशुल्क ओ.पी.डी. सेवाएं निशुल्क पैथोलॉजिकल जांच निशुल्क दवा वितरण एन.एन.सी. चेकअप आमजन को स्वच्छता, पर्यावरणीय स्वच्छता एवं आहार संबंधी परामर्श सेवाएं पोषण संबंधी परामर्श सेवाएं हाइपरटेंशन स्क्रीनिंग मधुमेह स्क्रीनिंग टी.बी. स्क्रीनिंग की गई।