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दस्तक अभियान के प्रथम चरण का आयोजन बाईस जुलाई से जिला पंचायत में हुई टास्क फोर्स बैठक

तीन लाख बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं से लाभान्वित किया जाएगा

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
दस्तक अभियान, डिस्ट्रिक्ट टीबी फोरम, मीजल्स रुबेला की टास्क फोर्स बैठक जिला पंचायत भोपाल मुख्य कार्यपालन अधिकारी इला तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मनीष शर्मा, जिला टीकाकरण अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, सब डिविजनल मेडिकल ऑफिसर, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। दस्तक अभियान के प्रथम चरण का आयोजन 22 जुलाई से किया जा रहा है। 16 सितंबर तक संचालित इस अभियान में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाएगी। जिनमें निमोनिया व गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान व रेफरल एवं प्रबंधन, डिजिटल हिमोग्लोबीनोमीटर द्वारा एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, दस्त रोग की पहचान एवं ओआरएस एवं जिंक के उपयोग के संबंध में जागरूकता, विटामिन ए की खुराक का सेवन जैसी सेवाएं प्रमुख हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत इला तिवारी ने निर्देश दिए कि दस्तक अभियान के दौरान पाए गए सभी गंभीर कुपोषित बच्चों को उपचार के लिए पोषण पुनर्वास केदो में भर्ती करवाया जाना सुनिश्चित किया जाए । अभियान की सभी जानकारी पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट की जावे। टास्क फोर्स बैठक में दस्तक अभियान की जानकारी देते हुए जिला टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि बाल एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, बाल्यकालीन बीमारियों की रोकथाम, 5 वर्ष तक के बच्चों को स्वस्थ और पोषण की सेवाएं देने के उद्देश्य से साल 2018 से दस्तक अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान के दौरान एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 5 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। दस्तक अभियान में सघन दस्त नियंत्रण कार्यक्रम भी संचालित होगा। जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जिंक व ओ आर एस उपलब्ध करवाया जायेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि अभियान के तहत भोपाल में लगभग तीन लाख बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं से लाभान्वित किया जाएगा। बच्चों में दस्त के प्रकरणों को कम करने एवं इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कॉर्नर की स्थापना की गई है, जिसमें परिजनों को ओआरएस का घोल बनाने की विधि एवं उसके सेवन के तरीके बताए जाएंगे।

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